◼️ हाड़तोड़ मेहनत के बाद नही मिल रहा दूध का मूल्य
◼️ मंहगाई के बीच पशुपालन बन रही परेशानी
◼️उपेक्षा पर कार्य ठप करने की चेतावनी
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
प्रदेश सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में पशुपालन को बढ़ावा देने के लाख दावे करें पर धरातल की हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। बेतालघाट ब्लॉक के कालाखेत क्षेत्र में दुग्ध उत्पादकों को दूध का उचित दाम ही नहीं मिल रहा जिस कारण अब दुग्ध उत्पादकों का पशुपालन से मोहभंग होने लगा है। दुग्ध उत्पादकों के अनुसार उचित दाम न मिलने से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
बेतालघाट ब्लॉक के कालाखेत क्षेत्र में दूध का उचित मूल्य न मिल पाने से दुग्ध उत्पादक निराश हैं। दूध उत्पादकों के अनुसार महज 22 से 23 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से दूध का मूल्य मिल पा रहा है जिससे काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। चारे का दाम कई गुना बढ़ चुका है। बावजूद मूल्य वृद्धि नहीं हो रही। बगैर मिलावट के गुणवत्ता युक्त दूध उपलब्ध कराने तथा हाड़तोड़ मेहनत के बाद भी न्यूनतम मूल्य उपलब्ध हो रहा है जिससे काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है। आरोप लगाया है कि बेहद कम कीमत में दूध खरीदने के बावजूद ऊंचे दामों पर बिक्री की जाती है। उत्पादकों की उपेक्षा की जा रही है स्थानीय मनोहर सिंह, नरेंद्र सिंह, मदन सिंह, बालम सिंह, उमेश रावत, चंदन सिंह, खीम सिंह आदि दुग्ध उत्पादकों ने दूध का उचित मूल्य उपलब्ध कराए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। चेताया है कि यदि बेहतर मूल्य उपलब्ध नहीं कराया गया तो फिर पशुपालन का कार्य छोड़ दिया जाएगा।