◼️फल उत्पादक काश्तकारों को नहीं हो सकी नुकसान की भरपाई
◼️ चार वर्ष बीतने के बावजूद नहीं ली गई सुध
◼️ ना पेड़ और ना ही जमीन का मुआवजा दे सकी सरकार
◼️ आश्वासन खूब मिले नहीं मिला तो बस मुआवजा

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

गांव में सड़क निर्माण को भारी भरकम बजट तो खर्च हो रहा है पर सड़क की जद में आने वाली किसानों की कृर्षि भुमि का मुआवजा ही नही बांटा जा रहा। मुआवजे की राह देखते देखते किसान थक चुके हैं। अब किसानों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का मन बना लिया है।
बेतालघाट ब्लॉक के थुवा – लोहाली मोटर मार्ग निर्माण के दौरान धारी गांव के कई किसानों के आडू के बगीचे व कृषि भूमि जद में आ गई। विभागीय अधिकारियों ने सर्वे भी किया। उम्मीद थी की मुआवजा मिलेगा पर चार साल इंतजार के सिवा और कुछ भी ना मिला। किसानों का आरोप है कि आज तक मुआवजा नहीं बांटा जा सका है। संबंधित विभाग के अधिकारी बार-बार आश्वासन आश्वासन देते हैं पर मुआवजा नहीं मिल सका है। काफी फल उत्पादक कास्तकारो को नुकसान उठाना पड़ा है। करोड़ों रुपये की लागत से मोटर मार्ग का तेरह किलोमीटर दायरे में निर्माण किया जा रहा है पर काश्तकारों का सुध लेवा कोई नहीं है। रोड निर्माण में कई काश्तकारों को काफी नुकसान हुआ है। स्थानीय काश्तकारों के अनुसार उनके सैकडो पेड़ रोड निर्माण की जद में आए पर उन्हें आज तक मुआवजा नहीं दिया जा सका है। विभागीय अधिकारी काश्तकारों को महज आश्वासन के सिवा कुछ नहीं दे रहे। किसानों ने अब आर-पार का ऐलान कर दिया है।गरीश रावत, बालम सिंह रावत, संजय सिंह रावत, गोपाल दत्त भट्ट, पूरन चन्द भट्ट, महेश चन्द भट्ट, राजन भट्ट, प्रेम सिंह, रमेश जोशी, ओम प्रकाश पाण्डेय, गरीश चन्द पांडेय, किशोर पाण्डेय, गरीश जोशी आदि ने दो टूक कहा है कि यदि जल्द मुआवजा वितरित नहीं हुआ तो न्यायालय की शरण ली जाएगी।