◼️नदी क्षेत्र में धड़ल्ले से गंदगी डाल रहे मीट मांस विक्रेता

◼️नदी प्रदूषित होने से बढ़ रहा संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा
◼️ पुलिस प्रशासन का भय हो गया खत्म

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी लगातार प्रदूषित होती जा रही है बावजूद जिम्मेदार आंखें मुंदे बैठे हैं। खैरना क्षेत्र में धड़ल्ले से मीट मांस के लोथडे व मुर्गियों के अवशेष शिप्रा नदी के बहाव क्षेत्र में डाले जा रहे हैं। गंदगी डाले जाने से संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा कई गुना बढ़ चुका है। बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही ऐसा लगता है मानो मीट मांस विक्रेताओं को पुलिस प्रशासन का भय ही नही रह गया है।
शिप्रा के बहाव क्षेत्र में लगातार गंदगी डाली जा रही है। कैंची क्षेत्र से रेस्टोरेंट संचालक धड़ल्ले से नदी क्षेत्र को प्रदूषित करने में तुले हुए हैं वहीं अब खैरना क्षेत्र में मीट मांस की दुकान चलाने वाले लोग धड़ल्ले से नदी को प्रदूषित कर रहे हैं। शिप्रा नदी के प्रदूषित होने पर गांवो में संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा भी बना हुआ है कई लोग पानी का इस्तेमाल पीने व सिंचाई के रूप में भी करते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि नदी क्षेत्र में मीट मांस की धड़ल्ले धुलाई की जा रही है। मांस के लोथड़े व मुर्गियों के पंख नदी के बहाव क्षेत्र में ही छोड़ दिए जा रहे हैं। शिप्रा नदी से बहकर मांस के लोथड़े व मुर्गियों के अवशेष शिवालय मंदिर के समीप कोसी व शिप्रा के संगम तक पहुंच रहे हैं। अंत्येष्टि को पहुंच रहे लोगो को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। धार्मिक अनुष्ठान करने वाले लोग भी परेशानी उठा रहे है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि कई बार नदी क्षेत्र में गंदगी डाले जाने से मना करने के बावजूद मनमानी की जा रही है। चेताया है कि यदि नदी पर गंदगी डाली गई तो फिर आंदोलन किया जाएगा। लोगों ने मामले में पुलिस प्रशासन से भी कार्रवाई किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।