◼️ पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार रिक्त हो रहे गुरुजनों के पद
◼️ अध्यापक की कमी से प्रभावित हो रहा शैक्षणिक कार्य
◼️क्षेत्रवासियों ने उठाई अध्यापकों की तैनाती की मांग

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

पर्वतीय क्षेत्रों के नौनिहालों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लाख दावे किए जाएं पर धरातल में दावे खोखले साबित हो रहे हैं। जीआइसी रातीघाट में महत्वपूर्ण विषयों के अध्यापकों के पद ही रिक्त हैं। प्रवक्ताओं की कमी से नौनिहालों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। क्षेत्रवासियों ने रिक्त पड़े पदों पर तत्काल तैनाती की पुरजोर मांग उठाई है। उपेक्षा पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से सटे रातीघाट क्षेत्र में स्थित जीआइसी में आसपास के गांवों के तीन सौ से ज्यादा नौनिहाल अध्ययनरत हैं। बोर्ड परीक्षाओं में विद्यालय का परीक्षाफल भी हमेशा बेहतर रहा है पर इस वर्ष विद्यालय में भौतिक विज्ञान, हिंदी तथा राजनीति शास्त्र के प्रवक्ताओं के पद रिक्त हो चुके है जिससे नौनिहालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दूरदराज के गांवों से विद्यालय पहुंचने वाले नौनिहाल प्रवक्ताओं की कमी से निराश हैं। विद्यालय प्रबंधन बमुश्किल व्यवस्था दुरुस्त करने में जुटा हुआ है पर महत्वपूर्ण विषयों के प्रवक्ताओं के पद रिक्त होने से परेशानी बढ़ती ही जा रही है। ग्राम प्रधान विमला रौतेला, विजय रौतेला, विनोद पांडे, भुवन चंद्र, तारा सिंह, नंद किशोर जीवन नेगी, जीवन बिष्ट, दीपू भंडारी के अनुसार प्रवक्ताओं की कमी से नौनिहालों का भविष्य अंधकार में होता जा रहा है। लोगों ने तत्काल प्रवक्ताओं की तैनाती की मांग उठाई है। विद्यालय के प्रधानाचार्य एसके त्रिवेदी के अनुसार प्रवक्ताओं की तैनाती के लिए उच्चाधिकारियों को पत्राचार किया जा चुका है।