◼️तल्ला ज्याडी़ गांव में पेयजल को हाहाकार
◼️ हाईवे से सिर पर पानी ढोकर गांव पहुंच रहे महिलाएं, बच्चे व बुजुर्ग
◼️ पेयजल संकट से ग्रामीणों में भारी नाराजगी
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
पर्वतीय क्षेत्रों में तमाम प्राकृतिक जल स्रोत तथा पेयजल योजनाएं होने के बावजूद गांवों के लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। हालत यह है कि गांव से एक किमी की दूरी तय करने के बाद ग्रामीणों को बामुश्किल पेयजल उपलब्ध हो पा रहा है। छोटे बच्चे बुजुर्ग व महिलाएं सिर पर पानी के बर्तन रख दूरदराज से पानी ढोने को मजबूर हैं। ज्याडी़ गांव में सप्ताह भर से भी अधिक समय से पानी को हाहाकार मचा हुआ है। गांव के लोग एक किमी दूर हाईवे पर स्थित प्राकृतिक जल स्रोत से पानी ढोने को मजबूर है।
अल्मोडा़ हल्द्वानी हाइवे से सटे ताडी़खेत ब्लॉक के मल्ला व तल्ला ज्याडी़ गांव के बाशिंदों को शेर विद्यापीठ पंपिंग पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति होती है। मल्ला ज्याडी़ गांव के बाशिंदों को पेयजल उपलब्ध हो जाता है पर तल्ला ज्याडी़ गांव के वाशिंदे बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। आरोप है कि कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद पेयजल व्यवस्था में सुधार नहीं किया जा रहा। आए दिन पेयजल व्यवस्था चरमरा जा रही है। बीते एक सप्ताह से भी अधिक समय से गांव में पेयजल आपूर्ति ठप है जिस कारण गांव के बुजुर्ग, महिलाएं व बच्चे गांव से एक किमी दूर अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर ज्याडी़ बाजार स्थित प्राकृतिक जल स्रोत से सिर पर पानी के बर्तन रख कोसी नदी पार करने के बाद खड़ी चढ़ाई चढ़कर गांव पहुंच रहे हैं। गांव के बाशिंदों को बूंद बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। स्थानीय पंकज नेगी के अनुसार कई बार पेयजल व्यवस्था में सुधार को मांग उठाई जा चुकी है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही संबंधित विभाग ग्रामीणों की उपेक्षा पर आमादा है। क्षेत्र की रेखा देवी, कविता देवी, नीमा देवी, ललिता देवी, मीना देवी, मनीष नैनवाल, कैलाश बोरा, गौरव आदि ने तत्काल पेयजल व्यवस्था दुरुस्त किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।