◼️ एसडीएम ने दिए तहसीलदार को जांच के निर्देश रिपोर्ट मिलने के बाद होगी कार्रवाई
◼️ ग्रामीण विकास विभाग के अवर अभियंता ने ठेकेदार की जिम्मेदारी होने का जवाब दे पल्ला झाड़ा
◼️शिप्रा व कोसी के बीचो-बीच तक पत्थर आदि निकालने के लिए भेजे जा रहे श्रमिक

(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

मजदूरों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर निर्माण सामग्री के लिए नदी के बीचो-बीच तक भेजे जाने के मामले में प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। उपजिलाधिकारी ने तहसीलदार को जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं ग्रामीण विकास विभाग के अवर अभियंता ने कोई भी घटना होने पर इसकी जिम्मेदारी ठेकेदार की होने की बात कह पल्ला झाड़ लिया है।
गरमपानी खैरना बाजार के ठीक पीछे बहने वाली कोसी व शिप्रा नदी में कुछ स्थानों पर निर्माण कार्य गतिमान है। प्रशासन ने बरसात के मौसम में खतरे को देख नदियों पर आवाजाही प्रतिबंधित की है। सरकार ने भी नदी क्षेत्रों से निकासी पर रोक लगा दी है। बावजूद निर्माण कार्य कर रहे मजदूरों की जिंदगी के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। मजदूरों को कोसी व शिप्रा नदी के बीचो-बीच तक पत्थर आदि निकालने के लिए भेज दिया जा रहा है जबकि कुछ दिन पूर्व ही एकाएक कोसी नदी का वेग बढ़ने से जलती चिता तक कोसी के उफान में बह चुकी है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश होने पर शिप्रा व कोसी नदी का वेग बढ़ने का अंदेशा बना रहता है बावजूद श्रमिकों की जिंदगी की परवाह नही की जा रही है। मामला प्रशासन तक पहुंचने के बाद अब प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। उपजिलाधिकारी राहुल शाह के अनुसार तहसीलदार मनीषा बिष्ट को जांच के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट मिलने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। वहीं कार्यदाई संस्था ग्रामीण विकास विभाग के अवर अभियंता इंद्र सिंह चिलवाल ने कोई भी घटना होने पर ठेकेदार की जिम्मेदारी होने का अजीबोगरीब जवाब दिया है।