◼️रिवर ड्रेनिंग के नाम पर उपखनिज की निकासी कर की गई इतिश्री
◼️ क्षेत्र की सुरक्षा को होनी थी रिवर ड्रेनिंग पर हो गया खिलवाड़
◼️क्षेत्र को खतरे के मुहाने पर छोड़ बंद हो गया कार्य
◼️ जिम्मेदारों की मंशा पर भी उठ रहे सवाल
◼️ ना गरमपानी खैरना बचाने को हुई कवायद, न डोबा गांव की कृषि भूमि की सुरक्षा को उठे कदम

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

गरमपानी खैरना बाजार के ठीक पीछे बहने वाली शिप्रा नदी में रिवर ड्रेनिंग के आधे अधूरे कार्य के दौरान छोड़े गए बड़े बडे़ बोल्डर तबाही का सबब बन सकते हैं। नदी का वेग बढ़ने पर नदी क्षेत्र में जमा बोल्डरो से नदी का प्रवाह आबादी की ओर मुड़ने की आशंका है। क्षेत्रवासियों ने रिवर ड्रेनिंग के कार्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए है। आरोप लगाया है की महज उपखनिज निकासी के फेर में बडे़ खतरे को दावत दे दी गई है।
गरमपानी खैरना क्षेत्र में बहने वाली शिप्रा नदी में आपदा को आठ महिने बीतने के बाद रिवर ड्रेनिंग का कार्य शुरु हुआ। महज कुछ दिन ही कार्य किया जा सका था की तीस जून को कार्य रोक दिया गया। क्षेत्रवासियों का आरोप है की रिवर ड्रेनिंग के नाम पर क्षेत्र के लोगों के हितों से खिलवाड़ किया गया है। नदी से महज उप खनिज निकासी की गई जबकि बड़े-बड़े बोल्डरो को जहां तक छोड़ दिया गया है जिससे प्रवाह बढ़ने पर बड़ा खतरा सामने आने की आशंका बनी हुई है। आरोप है कि सही मायने में रिवर ड्रेनिंग की ही नहीं जा सकी है। बगैर विशेषज्ञों की देखरेख में हुए कार्य से बड़ा खतरा नाम सामने आने की आशंका बनी हुई है।