◼️ सरकारी बजट ठिकाने लगाने की जरिया बनी ग्रामीण सड़कें
◼️ आधा अधूरा कार्य करने के बावजूद विभाग ने कर दिया ठेकेदार को 1.83 करोड़ रुपये का भुगतान
◼️ ब्यासी सिल्टोना मोटर मार्ग पर सरकार के जीरो टॉलरेंस की उड़ गई धज्जियां
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
गांवों को जोड़ने वाली सड़कें सरकारी बजट को ठिकाने लगाने का जरिया बन चुकी है। इसका जीता जागता उदाहरण तमाम गांवों को जोड़ने वाला सिल्टोना ब्यासी मोटर मार्ग है। मोटर मार्ग पर पुनर्निर्माण के नाम पर बजट की बाजीगरी की गई है। सरकार ने ग्रामीणों की आवाजाही को बेहतर बनाने के लिए करोड़ों रुपये का बजट स्वीकृत किया पर विभागीय अधिकारियों की अनदेखी का लाभ उठाकर ठेकेदार 1.83 करोड़ रुपये लेकर वापस नहीं लौटा। आधा अधूरा कार्य किए जाने से गांव के लोगों में भी गहरा रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने इसे ठेकेदार व विभाग की मिलीभगत करार दिया है। जिसका खामियाजा गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
प्रदेश सरकार जीरो टॉलरेंस के लाख दावे करें पर विभागीय अधिकारी ही सरकार के जीरो टोलरेंस की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। एक वर्ष पूर्व बदहाली का दंश झेल रहे सिल्टोना – ब्यासी मोटर मार्ग की मरम्मत व डामरीकरण के लिए करीब छह करोड रुपये की स्वीकृति मिली। शुरुआत में कार्य कर रहे ठेकेदार ने मोटर मार्ग को दुरुस्त करने के लिए दिलचस्पी दिखाई पर एकाएक कार्य अधूरा छोड़ ठेकेदार गायब हो गया। तब से आज तक संबंधित ठेकेदार ने पलटकर नहीं देखा। हैरत तो यह है कार्यदाई संस्था पीएमजीएसवाई ने ठेकेदार को 1.83 करोड रुपये का भुगतान भी कर डाला अब वर्तमान में सड़क बद से बदतर हालत में पहुंच चुकी है कई जगह करोड़ों की कीमत से किए गए कार्य भी दम तोड़ चुके हैं। वहीं सड़क पर डामरीकरण के लिए बिछाई गया सोलिंग कार्य दुर्घटना का सबब बन चुका है बावजूद विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं। संबंधित विभाग की सहायक अभियंता नेहा के अनुसार ठेकेदार ने काम छोड़ दिया है यदि जल्द काम शुरू नहीं किया तो फिर उसका टेंडर निरस्त कर दोबारा टेंडर लगाए जाने की प्रक्रिया की जाएगी।