◼️ बैगनी रंग के आलू से किसानों की आय में होगी बढ़ोतरी
◼️ गोविंद बल्लभ पंत कृषि अनुसंधान केंद्र मझेडा़ में किसानों को मिलेगा निशुल्क
◼️ रंग लाई अनुसंधान केंद्र प्रभारी की मेहनत
◼️प्रदेश में पहली बार हो सकेगा विशेष किस्म के आलू का उत्पादन

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

प्रदेश में पहली बार हिमाचली नस्ल के नीलकंठ आलू की पैदावार हो सकेगी। क्षेत्र में स्थित पंडित गोविंद बल्लभ पंत कृषि अनुसंधान केंद्र मझेडा़ में वैज्ञानिकों के प्रयास से किसानों को निशुल्क आलू का बीज उपलब्ध हो सकेगा। कृषि वैज्ञानिक व केंद्र प्रभारी डा. अंजलि अग्रवाल ने दावा किया है कि विशेष प्रजाति के आलू की पैदावार से किसानों की आर्थिकी भी सुधरेगी। आलू का इस्तेमाल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा।
प्रदेश के किसान अब तक कुफरी ज्योति, कुफरी हिमालीनी, गिरिराज गिरधारी आदि आलू के बीच से उपज की पैदावार करते हैं। अब किसान विशेष किस्म के नीलकंठ आलू की बुवाई भी कर सकेंगे। गोविंद बल्लभ पंत कृषि अनुसंधान केंद्र मझेडा़ (बेतालघाट ब्लॉक) के वैज्ञानिकों के प्रयास से केंद्रीय आलू शोध संस्थान मोदीपुरम (मेरठ) से मंगाए गए हिमाचली नीलकंठ आलू का बीज तैयार कर उसमें बढ़ोतरी कर दी गई है। वैज्ञानिकों के अनुसार बैगनी रंग का आलू विशेष प्रजाति का होगा। इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। नीलकंठ आलू की पैदावार से किसानों को ही नहीं बल्कि इस्तेमाल करने वाले लोगों को भी इसका सीधा लाभ मिल सकेगा। विशेष प्रजाति के इस आलू को छिलके सहित इस्तेमाल किया जा सकता है। कृर्षि वैज्ञानिक के अनुसार एंटीऑक्सीडेंट युक्त आलू इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मददगार होगा। इसके सेवन से लोगों को तमाम बीमारियों से भी निजात मिल सकेगी। कृषि वैज्ञानिक व केंद्र प्रभारी डा. अंजलि अग्रवाल के अनुसार केंद्र की शर्तों के अनुसार किसानों को निशुल्क आलू का बीज उपलब्ध कराया जाएगा। बुवाई के मॉनिटरिंग भी की जाऐगी।