= स्वीकृति के बावजूद कार्य ना होने से पंचायत प्रतिनिधि व क्षेत्रवासी नाराज
= बरसात में बड़े खतरे का जताया अंदेशा
= एसडीम ने रॉयल्टी व एफडी जब्त करने का किया दावा

(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

गरमपानी क्षेत्र में बहने वाली उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी पर रिवर ड्रेनिंग का कार्य स्वीकृत होने के बावजूद मलबा हटाने का काम शुरू ना हो पाने पर ग्राम प्रधान समेत क्षेत्रवासियों ने नाराजगी जताई है। मलबा न हटाए जाने पर बरसात में बड़े खतरे की आशंका जताई है। आरोप लगाया है कि स्वीकृति की आड़ में रॉयल्टी बेचने का खेल भी किए जाने की चर्चा सामने आ रही है। जनहित से खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। एसडीएम कोश्या कुटोली ने कार्य न करने पर संबंधित ठेकेदार की रॉयल्टी तथा 25 फिसद एफडी जब्त करने का दावा किया है।
कोसी तथा शिप्रा नदी के साथ ही तमाम बरसाती गधेरो में मलबा हटाए जाने को प्रशासन ने अलग अलग स्थानो रिवर ड्रेनिंग स्वीकृत की। आपदा को आठ महीने बीतने के बाद ठीक बरसात से पहले रिवर ड्रेनिंग कार्य कराए जाने को लेकर पहले ही तमाम सवाल खड़े हो गए। कुछ स्थानों पर रिवर ड्रेनिंग का कार्य शुरू हुआ पर गरमपानी क्षेत्र में बहने वाली शिप्रा नदी क्षेत्र में स्वीकृति के बावजूद कार्य शुरू नहीं हो सका है। ग्राम प्रधान त्रिभुवन पाठक ने आरोप लगाया है कि खैरना क्षेत्र में रिवर ड्रेनिंग की जा रही है जबकि गरमपानी में स्वीकृति के बावजूद भी कार्य न किया जाना समझ से परे है। बाजार क्षेत्र के लोगों ने भी मामले पर गहरी नाराजगी जताई है। आरोप लगाया है कि रिवर ड्रेनिंग के नाम पर रॉयल्टी बेचे जाने की चर्चाएं भी सामने आ रही है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मनमाना रवैया अपनाए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। दो टूक कहा है कि खुलेआम जनहित से खिलवाड़ किया जा रहा है आगामी बरसात में खतरा कई गुना बढ़ सकता है। उपजिलाधिकारी कोश्या कुटोली राहुल शाह के अनुसार स्वीकृत क्षेत्र में कार्य न करने पर ठेकेदार की रॉयल्टी तथा 25 फीसद एफडी जब्त कर ली जाएगी।