= रिवर ड्रेनिंग स्वीकृति के बावजूद गरमपानी में शुरू नही हो सका मलबा सफाई का कार्य
= 30 जून के बाद सरकार नदियों में लगा देती है निकासी के कार्य पर रोक
= खतरा टालने को प्रशासन ने स्वीकृत किया था रिवर ड्रेनिंग का कार्य
= बरसात नजदीक होने के बावजूद अब तक शुरू हुआ मलबा हटाए जाने का कार्य
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
रिवर ड्रेनिंग के नाम पर खुलेआम जनहित से खिलवाड़ किया जा रहा है। गरमपानी बाजार के ठीक पीछे उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी में रिवर ड्रेनिंग कार्य स्वीकृत होने के बावजूद मलबा हटाने का काम शुरू तक नहीं किया जा सका है। बरसात नजदीक होने के साथ ही सरकार तीस जून से नदियों में खदान कार्य पर रोक लगा देती है ऐसे में अब तक मलबा सफाई का कार्य शुरु न हो पाने से तमाम गंभीर सवाल खडे़ हो गए है। आरोप है की कार्य न करने वालो को मलबा हटाने का कार्य किस आधार पर सौंप दिया गया। क्षेत्रवासियों ने खुलेआम जनहित से खिलवाड़ करने वालो के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। दो टूक कहा है की जल्द मामले को लेकर जनहित याचिका दायर की जाऐगी।
खुलेआम जनहित से खिलवाड़ कैसे किया जाता है। देखना है तो गरमपानी चले आईये। नदी में मलबे को हटाए जाने को लेकर प्रशासन ने नदी क्षेत्र में रिवर ड्रेनिंग का कार्य प्रस्तावित किया। अब खुलेआम जनहित से खिलवाड़ किया जा रहा है। स्वीकृति को काफि समय बीतने के बावजूद अब तक मलबा हटाने का कार्य शुरू नहीं हो सका है। स्थानीय लोगों ने ऐसे में बरसात के समय बड़ा खतरा मंडराने की आशंका जताई है। आरोप लगाया कि स्वीकृति के बावजूद महज मुनाफा कमाने के मकसद से रिवर ड्रेनिंग का ठेका ले लिया गया पर अब तक कार्य शुरू नहीं किया गया है जिससे बड़ा खतरा सामने आ सकता है लोगों ने जल्द ही क्षेत्रवासियों की जिंदगी से किए जा रहे खिलवाड़ को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का दावा किया है।