= खनन न्यास निधि के बजट से गांवो के विकास को शुरू होगी कवायद
= पुलिस प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया फैसला
= नियमानुसार होगा रिवर ड्रेनिंग का कार्य

(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

बेतालघाट के घिरौली नाले में रिवर ड्रेनिंग के विरोध में उठे स्वर थम गए है। प्रशासन, पुलिस तथा पंचायत प्रतिनिधियों व सरपंचो की संयुक्त बैठक में तमाम बिंदुओं पर चर्चा हुई। तय हुआ की आसपास के गांवो में खनन न्यास निधि के बजट से कार्य करवाया जाए साथ ही भविष्य में रिवर ड्रेनिंग कार्य होने पर गांवो की अनापत्ति जरुर ली जाए। पुलिस प्रशासन के आश्वासन पर छह दिनो से चला आ रहा आंदोलन स्थगित कर दिया गया।
बेतालघाट के घिरौली बरसाती गधेरे में रिवर ड्रेनिंग का कार्य शुरू होने के साथ ही विरोध भी शुरू हो गया था। पंचायत प्रतिनिधि, सरपंचों व ग्रामीणों ने वन पंचायत भूमि पर खदान किए जाने का आरोप लगा आंदोलन का बिगुल फूंक दिया। पिछले छह दिनों से लगातार पंचायत प्रतिनिधि व सरपंच विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। बुधवार को तहसीलदार बेतालघाट नंदन सिंह नेगी, थानाध्यक्ष बेतालघाट मनोज नयाल तथा पंचायत प्रतिनिधियों व सरपंचों की संयुक्त बैठक हुई। बैठक में तमाम विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। तहसीलदार नंदन सिंह नेगी ने चयनित रिवर ड्रेनिंग स्थल पर वन पंचायत ना होने की बात कही। सर्वसम्मति से तय हुआ कि गांव में आपदा से हुए नुकसान की भरपाई को खनन न्यास निधि से बजट उपलब्ध कराने को कवायद शुरू की जाएगी। बकायदा पंचायत प्रतिनिधियों सरपंचों से संयुक्त प्रस्ताव ले उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव तथा प्रधान मल्ली पाली शेखर दानी ने कहा कि भविष्य में रिवर ड्रेनिंग के लिए स्थल चयन पर पंचायत प्रतिनिधियों, ग्रामीणों व सरपंचों की अनापत्ति प्रमाण पत्र जरूर लिया जाए। इस दौरान ग्राम प्रधान घिरौली हरीश आर्या, सरपंच प्रकाश चंद्र, उप प्रधान महेश चंद्र, तरुण कोहली, गिरीश खंडूरी, देवेंद्र जलाल, नंदा बल्लभ ,किशन सिंह, तारा चंद्र आदि मौजूद रहे।