= विरोध के बावजूद रिवर ड्रेनिंग कार्य शुरू होने पर चढ़ा पंचायत प्रतिनिधियों, सरपंचों व ग्रामीणों का पारा
= दो घंटे ठप की उपखनिज से भरे वाहनों की आवाजाही
= जिलाधिकारी को ज्ञापन भेज दी धरने पर बैठने की चेतावनी
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
बेतालघाट क्षेत्र में रिवर ड्रेनिंग कार्य से ग्रामीणों का सब्र जवाब दे गया। पंचायत प्रतिनिधि, वन पंचायत सरपंच ग्रामीणों को साथ ले धरने पर डट गए। उपखनिज से भरे वाहनो को रोक नारेबाजी की। आरोप लगाया की शासन प्रशासन उत्पीड़न पर आमादा है। गांव के लोगो को मौत के मुंह में धकेला जा रहा है। गांव के लोगो की बात तक नही सुनी जा रही। जोर जबर्दस्ती कर भारी भरकम मशीनो से घिरौली बरसाती गधेरे में खदान कर वन पंचायत को तहस नहस किया जा रहा है जिसे कतई बर्दाश्त नही किया जाऐगा। बाद में जिलाधिकारी को ज्ञापन भेज तत्काल कार्य पर रोक लगाए जाने की मांग उठाई।
बेतालघाट के घिरौली बरसाती नाले पर लगातार विरोध के बावजूद रविवार को भारी भरकम पोकलैंड मशीनो से खदान किए जाने से पंचायत प्रतिनिधि, सरपंच व ग्रामीण भड़क गए। पुल के समीप पहुंच रोष जताया। आरोप लगाया कि कई बार मनाही के बावजूद जोर जबरदस्ती की जा रही है। वन पंचायत भूमि में खदान कर नुकसान किया जा रहा है। घिरौली पुल के 400 मीटर नीचे तथा ऊपर खदान ना होने से झील बनने की आशंका भी है वही तलहटी में बसे करीब तीस से ज्यादा परिवारों पर खतरा मंडरा सकता है। आरोप लगाया कि शासन-प्रशासन तुगलकी फरमान जारी कर उत्पीड़न पर आमदा है। रिवर ड्रेनिंग के नाम पर बरसाती नालों में खदान किया जा रहा है। खदान होने से करीब पांच करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत से बन रहे घिरौली पुल के अस्तित्व पर भी संकट मंडरा सकता है। ग्रामीणों ने सड़क पर बैठ नारेबाजी कर करीब दो घंटे तक आवाजाही ठप कर दी। खनिज से भरे वाहन रोक दिए गए। सूचना पर बेतालघाट पुलिस व राजस्व उपनिरीक्षक राकेश कठायत भी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों को समझाने प्रयास किया पर ग्रामीणों ने एक न सुनी। ग्रामीण खनन पर रोक लगाए जाने की बात पर अडे़ रहे। बाद में जिलाधिकारी को ज्ञापन भेज मामले में कार्रवाई की मांग उठाई। चेतावनी दी कि यदि जल्द रिवर ट्रेनिंग कार्य पर रोक नहीं लगाई गई तो फिर तहसील में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा। दो घंटे बाद जाम खोल दिया गया। इस दौरान सरपंच नंदा बल्लभ, प्रधान मल्ली पाली शेखर दानी, प्रधान घिरौली हरीश चंद्र, प्रधान तल्ली पाली चंपा देवी, पूर्व सरपंच भागीरथ चंद्र, पूर्व बीडीसी प्रकाश चंद्र, उपप्रधान महेश चंद्र, बिशन सिंह, प्रकाश चंद्र, कृष्ण चंद्र, गिरीश खंडूरी, शीला देवी, विमला देवी, प्रेम प्रकाश, देवेंद्र सिंह, नवीन आर्या, दान सिंह, उमेश चंद्र, चंद्र लाल, एसके आर्या, खिमानंद आर्या आदि मौजूद रहे।