= लोगों की सुरक्षा पर ध्यान रखने की उठी आवाज
= आबादी को छोड़ तहसील परिसर की सुरक्षा में 40 लाख रुपये खर्च पर उठे सवाल
= सरकार की धनराशि जनहित में खर्च किए जाने की उठी मांग

(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों व व्यापारियों ने बरसात से पूर्व शिप्रा नदी पर खतरे वाले स्थानों पर बाढ़ सुरक्षा के कार्य कराए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। कहा की खतरे वाले स्थानों पर बाढ़ सुरक्षा के ठोस प्रबंध किए जाने से क्षेत्र को काफी हद तक बाढ़ के खतरे से बचाया जा सकता है। लोगों ने तत्काल सुरक्षा के ठोस कदम उठाए जाने की मांग की है। वही पूरे क्षेत्र को छोड़ महज तहसील परिसर की सुरक्षा को 40 लाख रुपये के खर्च से सुरक्षा कार्यों पर सवाल खड़े किए हैं।
गरमपानी खैरना बाजार क्षेत्र के लोग अभी बीते अक्टूबर की आपदा को भुला भी नहीं सके हैं कि अब बरसात नजदीक आने से एक बार फिर क्षेत्र के लोग दहशत में आ गए हैं। क्षेत्रवासियों के अनुसार आपदा को सात माह बीत जाने के बावजूद अब तक बाढ़ सुरक्षा के ठोस उपाय नहीं किए जा सके हैं जिससे खतरा बढ़ गया है। क्षेत्र के पूर्व ग्राम प्रधान पूरन लाल साह, व्यापारी नेता वीरेंद्र सिंह बिष्ट, गजेंद्र नेगी, महेंद्र सिंह, मनोज नैनवाल, भैरव नैनवाल, हरक सिंह गंगा सिंह आदि ने शिप्रा नदी में खतरे वाले स्थान को चिन्हित कर उक्त स्थान पर बरसात से पूर्व बाढ़ सुरक्षा के कार्य कराए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। वही बाजार क्षेत्र को छोड़ महज तहसील परिसर की सुरक्षा को लाखो रुपये खर्च किए जाने पर सवाल उठाए है। कहा कि पूरे क्षेत्र की सुरक्षा को नजरअंदाज कर दिया गया है यदि बाढ़ आई तो लोगों को बड़ा नुकसान हो सकता है समय रहते खतरे वाले स्थान चिन्हित कर सुरक्षा के कार्य कराए जाने की पुरजोर मांग दोहराई है।