= मवेशीखोर गुलदार ने बीते कुछ दिनों में ढेर किए एक दर्जन से ज्यादा मवेशी
= मवेशियों के मारे जाने से पशुपालक उठा रहे आर्थिक नुकसान
= पशुपालकों को मुआवजा व पिंजरा लगा गुलदार के आतंक से निजात दिलाए जाने की उठी मांग

(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

मौसम के बिगड़ते मिजाज से खेती-बाड़ी चौपट होने के बाद गांवों में रोजगार का एकमात्र जरिया पशुपालन पर भी संकट मंडराने लगा है। मवेशीखोर गुलदार ने रामगढ़ ब्लॉक के गांवो में कुछ ही दिनों में करीब एक दर्जन से ज्यादा मवेशी मार डाले हैं। नुकसान झेल रहे पशुपालकों ने वन विभाग से गुलदार के आतंक से निजात दिलाए जाने की मांग उठाई है।
रामगढ़ ब्लॉक के चोपड़ा, सिरसा, मंगरू, नैनीपुल आदि गांवों में पिछले कुछ दिनों से गुलदार की घुसपैठ से गांव के लोग दहशतजदा है। गुलदार आबादी के बीच तक पहुंच जा रहा है। खतरे का सबब बन चुके गुलदार ने एक के बाद एक कई मवेशी ढेर कर डाले हैं। पिछले कुछ दिनों में ही गांव के करीब एक दर्जन से ज्यादा मवेशियों को मार डालने वाला गुलदार अब गांव के लोगों के लिए भी खतरा बन चुका है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार खेती-बाड़ी पहले ही चौपट हो चुकी है अब पशुपालन कर बमुश्किल रोजगार चलाया जा रहा है। उसमें भी गुलदार भारी नुकसान पहुंचा रहा है। बैंकों से ऋण लेकर तक पशुपालन शुरू किया गया है पर मवेशियों को मार डालने से बैंक की किस्त तक नहीं जा पा रही। लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा। चोपड़ा गांव के सोनू चंद्र, दिनेश चंद्र, चंद्रशेखर, गोपाल दत्त, विवेकानंद, भुवन चंद्र, योगेश चंद्र, हर्ष सिंह आदि लोगों ने पशुपालकों को मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग उठाई है साथ ही वन विभाग से गांव में पिजंरा लगा मवेशीखोर गुलदार के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है।