= बाबा केदार के दर पर मत्था टेक करेगा विश्व की सुख शांति की कामना
= 1200 किमी की दूरी साइकिल से तय कर पहुंचा कोसी घाटी
= युवाओं को नशे के दुष्परिणाम व नशे के खिलाफ कर रहा जागरूक
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
मन में चाह हो तो राह आसान हो जाती है। यह वाक्य बंगाल के कौशिक नंदी पर एकदम फिट बैठता है। बंगाल के आसन सोल क्षेत्र से 12 07 किमी की साइकिल यात्रा कर गरमपानी पहुंचे कौशिक बाबा केदार के दर पर मत्था टेकने के लिए रवाना हुए हैं। रास्ते भर लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक कर नशे के दुष्परिणामों के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं।
कहते हैं दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। बंगाल के आसन सोल क्षेत्र का रहने वाला कौशिक नंदी इस बात को साबित कर रहा है। एक माह पूर्व कौशिक बंगाल के आसनसोल से बाबा केदारनाथ को साइकिल से रवाना हुआ है। पेशे से चित्रकार 19 वर्षीय कौशिक अपने माता पिता की आज्ञा लेकर बाबा केदार के दर पर मत्था टेक विश्व की सुख शांति के लिए कामना करना चाहता है। रोजाना करीब 100 से 120 किमी साइकिल चला कौशिक बीती शाम कोसी घाटी पहुंचा। बंगाल से चले बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहे कौशिक की साइकिल यात्रा से प्रभावित होकर क्षेत्र के कई लोगों ने कौशिक का फूल मालाओं से स्वागत किया। कौशिक ने लोगों को नशे के दुष्परिणामों की जानकारी दी। बताया कि नशे से परिवार खत्म होते जा रहे हैं उन्होंने लोगों से नशे के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया। कौशिक के अनुसार कई सौ किलोमीटर की यात्रा के दौरान अलग-अलग लोगों से उसकी मुलाकात हो रही है। बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। उत्तराखंड राज्य की संस्कृति से बेहद प्रभावित है। बताया कि वह जहां रात्रि विश्राम कर रहा है वहां लोग उसे भरपूर मदद करते हैं। प्रदेश के छोटे-छोटे गांव से होकर निकल रहे कौशिक कहते हैं कि लोगों से मिल रहे प्यार वह दुलार से वह बेहद खुश है। कोसी घाटी से कौशिक एक बार फिर लगभग साढे़ तीन सौ किमी दूर बाबा के दर पर मत्था टेकने को रवाना हो गए। लोगों ने उन्हें सुखद यात्रा की शुभकामनाएं दी।