= सरकारी उपेक्षा से आहत हैं जाख गांव के वाशिंदे
= स्कूल तथा बाजार को जाने वाले रास्ते पर कर रहे दीवार निर्माण

(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

गांव की लाइफ लाइन कहे जाने वाले पैदल रास्तों की सुध न लेने पर आखिरकार गांव के युवा ही आगे आ गए है। बेतालघाट ब्लॉक के जाख गांव के युवाओं ने सरकारी उपेक्षा से आहत होने के बावजूद हिम्मत नहीं आ रही। गांव के युवा गांव से स्कूल तथा मुख्य बाजार को जाने वाले रास्ते को दुरुस्त करने में जुट गए हैं। रास्ते को दुरुस्त करने के लिए गांव के लोग बढ़-चढ़कर भागीदारी कर रहे हैं।
आपदा ने गांव के वासिंदो को गहरे जख्म दिए हैं। सरकारी उपेक्षा से जख्म हरे होते जा रहे हैं पर गांव के लोगों का हौसला पहाड़ जैसा मजबूत है। जहां गांव के लोग पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं वहीं अब बेतालघाट ब्लॉक के जाख गांव के युवाओं ने गांव के समीप स्कूल तथा मुख्य बाजार को जाने वाले रास्ते को दुरुस्त करने की ठान ली है।बकायदा गांव के युवा व अन्य ग्रामीण जगह-जगह खुद ही रास्ते को दुरुस्त करने में जुट गए हैं। राजमिस्त्री का कार्य भी खुद किया जा रहा है। हालात यह है कि टूटे रास्ते पर दीवार बनाकर दुरुस्त किया जा रहा है। गांव के युवाओं की हौसला अफजाई की हर कोई तारीफ कर रहा है। सरकारी उपेक्षा पर लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। ग्रामीणों ने शासन प्रशासन पर गांव की उपेक्षा का आरोप लगाया है।रास्ते को दुरुस्त करने में पान सिंह बिष्ट, गंगा सिंह जखवाल, दयाल सिंह अधिकारी, मान सिंह बिष्ट, चंदन सिंह नेगी समेत तमाम लोग जुटे हुए है।