= किसान विकास संघर्ष समिति अध्यक्ष ने कुमाऊं आयुक्त को भेजा पत्र
= पुनर्निर्माण में खर्च धनराशि में लगाया धांधली का आरोप
= करोड़ों खर्च होने के बावजूद गांव के लोग पानी के लिए मोहताज
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
कोसी नदी पर बनी रिची थापल पंपिंग पेयजल योजना के पुनर्निर्माण में खर्च 2.86 करोड़ रुपये की धनराशि की जांच की मांग उठी है। किसान विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत को पत्र भेज मामले में निष्पक्ष जांच की मांग उठाई है। आरोप लगाया है कि योजना के पुर्ननिर्माण में खर्च की गई धनराशि में भारी धांधली की गई है। हालात यह है कि करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद तमाम गांव के वाशिंदे बूंद-बूंद पानी को तरस रहे है।
किसान विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूरन चंद पांडे ने कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत को पत्र भेज बताया है की कोसी नदी पर बनी रिची थापल पंपिंग पेयजल योजना से बेतालघाट तथा ताडी़खेत ब्लाक के गांवों को जलापूर्ति होती है पूर्व में पेयजल संकट के चलते ग्रामीणों ने जन आंदोलन किए। लंबे संघर्ष के बाद योजना के पुनर्निर्माण के लिए 2.86 करोड़ रुपये की भारी-भरकम धनराशि स्वीकृत हुई। पुनर्निर्माण का जिम्मा जल निगम रामनगर को सौंपा गया पर गांव में अब भी पानी का अकाल पड़ा हुआ है। करोड़ों रुपये खर्च हुई धनराशि के बावजूद गांव के लोगों को पानी ना मिलना समझ से परे है। संबंधित विभाग ने मनमाने ढंग से कार्य किया है साथ ही सरकारी धन की बर्बादी भी की गई है। किसान किसान विकास संघर्ष समिति अध्यक्ष ने आयुक्त मामले में निष्पक्ष जांच किए जाने की मांग की है साथ ही सरकारी धन की बर्बादी करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की भी गुहार लगाई है। योजना के पुनर्निर्माण के बाद जलापूर्ति का जिम्मा संभाल रहे जल संस्थान नैनीताल के अधिकारियों को भी व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए जाने की मांग की है।