= कुमाऊं आयुक्त ने एसडीएम को वैज्ञानिकों से संपर्क साध रिपोर्ट देने के दिए निर्देश
= जगह-जगह भूस्खलन से हाईवे पर बढ़ रहा खतरा
= कुमाऊं आयुक्त के गंभीर होने से कमजोर पहाड़ियों की तस्वीर बदलने की संभावना

(टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

कुमाऊ की लाइफ लाइन अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर कमजोर होती पहाड़ियों को थामने के लिए एक बार फिर काला बांस लगाए जाने की कवायद तेज हो गई है। कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने बकायदा इसके लिए रिपोर्ट भी मांग ली है। कृषि अनुसंधान केंद्र मझेडा़ के वैज्ञानिकों से इस मामले पर रिपोर्ट मांगे जाने की संभावनाओं को बल मिलने से भूस्खलन वाले स्थानों पर काला बांस लगाए जाने के बाद काफि हद तक खतरा कम होने की उम्मीद है।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर पाडली, रातीघाट, दोपांखी, लोहाली, नावली, जोरासी, काकडीघाट आदि तमाम स्थानों पर पहाड़ियां कमजोर हो चुकी है। जगह-जगह भूस्खलन होने से मलबा हाईवे तक पहुंचता है। पत्थर गिरने से भी खतरा बढ़ जाता है। बीते दिनों कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत के एनएच के निरीक्षण के दौरान पहाड़ी से भूस्खलन को रोकने के लिए काला बांस लगाए जाने का मामला उठा। मामले को गंभीरता से लें कुमाऊं आयुक्त ने उपजिलाधिकारी राहुल शाह को खैरना के समीप स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र मझेडा़ के वैज्ञानिकों से वार्ता कर काला बांस की उपयोगिता, पकड़ आदि तमाम बिंदुओं पर विस्तार से रिपोर्ट लेने के निर्देश दे दिए हैं। मामले पर एनएच के अधिकारियों से भी रिपोर्ट देने को कहा गया है। पूर्व में भी तत्कालीन जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन के कार्यकाल के दौरान भी कमजोर पहाड़ियों पर काला बांस लगाए जाने का मुद्दा जोर-शोर से उठा था पर तब योजना परवान न चढ़ सकी। अब कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत के मामले को गंभीरता से लिए जाने से कमजोर हो चुकी पहाड़ियों को थामने के लिए काला बांस लगा पहाड़ियों से खतरा टालने की पहल आगे बढ़ने की प्रबल संभावना है। क्षेत्रवासियों ने भी कमजोर हो चुकी पहाड़ियों पर काला बांस लगाने की पुरजोर मांग उठाई है।