= मुख्य गेट पर नारेबाजी कर जताया रोष
= आपदा को बीते छह माह बाद भी सुध न लेने पर आक्रोशित हुए ग्रामीण
= योजना को दुरुस्त कर सुचारू करने की मांग

(((विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा की रिपोर्ट)))

रामगाढ़ क्षेत्र में स्थित जल विद्युत परियोजना को आपदा के छह माह बीत जाने के बावजूद दुरुस्त ना किए जाने से आखिरकार ग्रामीणों का सब्र जवाब दे गया। योजना की सुध न लिए जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने मुख्य गेट पर नारेबाजी कर रोष जताया। महत्वाकांक्षी योजना की उपेक्षा का आरोप लगा गुबार निकाला। दो टूक चेतावनी दी कि यदि जल्द योजना को दुरुस्त नहीं किया गया तो फिर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर रामगाढ़ क्षेत्र में महत्वाकांक्षी रामगाढ़ जल विद्युत परियोजना बीते 18 अक्टूबर को हुई मूसलाधार बारिश के बाद उफान में आए बरसाती गधेरे की जद में आ बदहाल हो गई। मशीनों को भी भारी नुकसान पहुंचा। गांवों में विद्युत पोल भी जगह जगह ध्वस्त हो गए। उरेडा विभाग ने यूपीसीएल से बिजली ले गांवों में आपूर्ति सुचारू की है। आपदा को छह माह बीतने के बावजूद योजना को दुरुस्त किए जाने के लिए कार्य शुरू नहीं हो सका। उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया की महत्वाकांक्षी योजना की अनदेखी की जा रही है। योजना से बारगल, कफुल्टा, जाख, बुधलाकोट, ज्योग्याडी, जजूला, गरजोली, फल्याडी़ आदि गांवों के करीब साढे़ चार सौ से ज्यादा उपभोक्ताओं को लाभ मिलता है। बावजूद योजना को दुरुस्त नहीं किया जा रहा। लगातार उपेक्षा की जा रही है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि योजना को दुरुस्त करने को ठोस कदम नहीं उठाए गए तो अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा। इस दौरान गोधन सिंह बर्गली, रघुराज सिंह बर्गली, दीपक रमोला, लक्ष्मण सिंह मेहरा, अनिल मेहरा, मदन सिंह बर्गली, खुशाल सिंह, हरीश राणा, दयाल सिंह, चंदन सिंह, नवीन सिंह, उमेश सिंह आदि मौजूद रहे।