= रात भर धधकता रहा थुआ का जंगल
= आग लगने के साथ ही जंगल से पत्थर गिरने से सहम गए लोग
= वन संपदा खाक, वन विभाग की नहीं टूटी नींद

(((मनोज पडलिया/महेंद्र कनवाल/पंकज नेगी/हरीश चंद्र की रिपोर्ट)))

थुआ के जंगल में लगी आग ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया। कई हेक्टेयर वन संपदा जलकर खाक हो गई। हालात तब और बिगड़ गए जब जंगल से लगातार पत्थर बाजार की ओर गिरते रहे। क्षेत्रवासियों को दहशत में रात काटने को मजबूर होना पड़ा बावजूद वन विभाग की नींद नहीं टूटी।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित गरमपानी खैरना बाजार क्षेत्र से सटे थुआ के जंगल में लगी आग को काबू करने के लिए वन विभाग ठोस उपाय नहीं कर सका। जंगल देखते ही देखते दावानल की चपेट में आ गया। जिससे वन विभाग की आग बुझाने की तैयारियों की भी कलई खुल गई। गुरुवार देर रात से ही बड़े पैमाने पर जंगल आग से धधकता रहा। वन संपदा को भारी नुकसान होने की आशंका है। थुआ के जंगल पर ऊंचाई में लगी आग धीरे-धीरे हाईवे के समीप तक पहुंच गई। हालात तब और बिगड़ गए जब थुआ के जंगल से भारी गर्जना के साथ बोल्डर व मलबा गिरने लगा। क्षेत्रवासी भी दहशत में आ गए। संयोगवश हाईवे पर आवाजाही कर रहा कोई वाहन चपेट में नहीं आया और बड़ा हादसा टल गया। देर रात तक जंगल में लपटें उठती रही। दिन में भी जगह जगह जंगल से धुआं उठता रहा। क्षेत्रवासियों ने वन विभाग की कार्यशैली पर रोष जताया। अंदेशा जताया की यदि ऐसे ही जंगल आग की चपेट में आए तो कभी भी बड़ी घटना सामने आ सकती है।