= दोनो जनपदों को जोड़ने वाली क्वारब पुल की बदहाली दे रही संकेत
= पुल के बीचोबीच फिर दिखने लगे गड्डे
= पूर्व में भी रैंप का एक हिस्सा टूटने से ठप हुई थी आवाजाही
(((ब्यूरो चीफ विरेंद्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा/विजय रौतेला की रिपोर्ट)))
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर क्वारब क्षेत्र में कोसी नदी पर बने वर्षो पुराने महत्वपूर्ण सेतू पर एक बार फिर खतरा मंडराने लगा है। अल्मोड़ा व नैनीताल जनपद की सीमा पर बने सेतू पर गड्डे साफ दिखने लगे है। भारीभरकम वाहन गड्डो में ही दौड़ रहे है जिससे खतरा कई गुना बढ़ गया है। स्थानीय लोगो ने समय रहते पुल मरम्मत की मांग उठाई है।चेताया है की ध्यान नही दिया गया तो बडा़ खामियाजा उठाना पडे़गा।
तराई से पहाड़ के तमाम जनपदो को जोड़ने वाले क्वारब सेतु पर एक बार फिर खतरा मंडराने लगा है। कुछ माह पूर्व बदहाल पुल के बीचो-बीच से रैंप का एक हिस्सा धराशाही हो चुका है। एनएच प्रशासन ने दो दिन की कड़ी मशक्कत के बाद बमुश्किल रैंप को दोबारा जोड़ आवाजाही सुचारू की थी। अब एक बार फिर पुल पर गहरे गड्ढे साफ देखे जा सकते हैं। तराई से पहाड़ तथा पहाड़ से तराई जा रहे भारी भरकम वाहन गड्ढों में ही दौड़ रहे हैं। जिससे खतरा कई गुना बढ़ जा रहा है। क्वारब क्षेत्र में कोसी नदी पर बने वर्षों पुराने पुल से पहाड़ के तमाम जनपदों को रसद व पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति होती है। यदि पुल पर आवाजाही ठप हुई तो पहाड़ पर अति आवश्यक सेवाओं का भी संकट गहरा सकता है। व्यापारी नेता मदन मोहन सुयाल, कुबेर सिंह जीना, हरीश कुमार, भीम सिंह बिष्ट, भरत बोहरा, मनीष कर्नाटक, वीरेंद्र सिंह बिष्ट, महेंद्र सिंह,दलिप नेगी,मनोज पडलिया, मदन सिंह, पंकज नेगी, हरीश चंद्र, पंकज भट्ट आदि ने समय रहते पुल की मरम्मत को ठोस कदम उठाए जाने की मांग उठाई है चेताया भी है कि यदि हीला हवाली की गई तो पर्वती क्षेत्र के लोगों को खामियाजा भुगतना पड़ेगा इधर एनएच विभाग के अपर सहायक अभियंता केएस बोरा के अनुसार जल्द ही पुल का निरीक्षण किया जाएगा। बताया कि पुल के समीप ही नए पुल का कार्य भी गतिमान है। फिलहाल पुराने पुल की मरम्मत को उच्चाधिकारियों को पत्राचार करेंगे।