= बांसगांव क्षेत्र में पांच सौ मीटर दायरे में हुई गंदगी
= संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा हुआ दोगुना
= एसडीएम बोले – कराई जाएगी सफाई

(((ब्यूरो चीफ विरेंद्र बिष्ट/फिरोज अहमद/भीम बिष्ट/मदन सिंह की रिपोर्ट)))

एक ओर नमामि गंगे जैसी परियोजनाओं से नदियों को स्वच्छ व निर्मल बनाए जाने के दावे किए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर जीवनदायिनी कोसी गंदगी से बजबजा रही है बावजूद जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे हैं। नदी क्षेत्र में पांच सो मीटर दायरे में लगा गंदगी का अंबार संक्रामक बीमारी की ओर इशारा कर रहा है बावजूद कोई सुध लेवा नहीं है। हालांकि एसडीएम ने नदी की सफाई कराए जाने का दावा किया है।
नदियों को स्वच्छ व निर्मल बनाए जाने के दावे धरातल में खोखले साबित हो रहे हैं। बेतालघाट ब्लॉक में बहने वाली कोसी नदी गंदगी से पटी हुई है। बसगांव क्षेत्र के समीप नदी में पांच सौ मीटर दायरे में गंदगी साफ देखी जा सकती है। आगे जाकर गांवों के लोग कोसी नदी के पानी को पीने के पीने के रूप में इस्तेमाल करते हैं। वही मवेशियों के साथ ही खेतों में सिंचाई के लिए भी कोसी नदी के पानी का इस्तेमाल होता है पर नदी के प्रदूषित होने से संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा दोगुना बढ़ चुका है। हालात ऐसे हैं कि उक्त क्षेत्र में कोसी नदी का रंग तक बदल चुका है। क्षेत्र में श्रमिक के रूप में कार्य करने को पहुंचने वाले लोग धड़ल्ले से नदी क्षेत्र में खुले में शौच कर रहे हैं जिससे नदी प्रदूषित होती जा रही है। क्षेत्रवासियों ने मामले में कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई है। वहीं उपजिलाधिकारी कोश्या कुटोली राहुल शाह ने दावा किया है कि नदी प्रदूषित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी साथ ही जल्द नदी में सफाई अभियान चलाया जाएगा।