= दो सप्ताह से भी अधिक समय से तिवारीखोला गांव में नहीं टपकी पानी की बूंद
= खाली बर्तनों के साथ प्रदर्शन कर जताया रोष
= जल्द व्यवस्था में सुधार न होने पर आंदोलन का ऐलान

(((कुबेर सिंह जीना/अंकित सुयाल/मनीष कर्नाटक की रिपोर्ट)))

बेतालघाट ब्लाक के तिवारीखोला गांव में दो सप्ताह से पेयजल संकट गहराने से महिलाओं का पारा सातवे आसमान में पहुंच गया। खाली बर्तन हाथ में लेकर संबंधित विभाग के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। संबधित विभाग पर उपेक्षा का आरोप लगाया। चेतावनी दी की यदि जल्द पेयजल आपूर्ति दुरुस्त नही की गई तो सड़क पर उतर आंदोलन शुरु कर दिया जाऐगा।
पेयजल संकट से जूझ रहे तिवारीखोला गांव की मातृशक्ति का सब्र जवाब दे गया। शनिवार को गांव की महिलाओं ने खाली बर्तनों के साथ नारेबाजी कर रोष जताया। महिलाओं ने कहा की गांव को कालाखेत पंपिग पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति की जाती है। पिछले दो सप्ताह से भी अधिक समय से नलों में पानी की बूंद तक नहीं टपकी है जिससे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दूरदराज से सिर पर पानी ढोना मजबूरी बन चुका है। पेयजल व्यवस्था करने में घर व खेती-बाड़ी के अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं। कई बार आवाज उठाई गई पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। महिलाओं ने संबंधित विभाग पर उपेक्षा का भी आरोप लगाया। दो टूक चेतावनी दी कि यदि जल्द व्यवस्था में सुधार न हुआ तो सड़क पर उतर आंदोलन शुरू किया जाएग। इस दौरान इंदिरा देवी, कमला देवी, भावना देवी, उमा देवी, कैलाश चंद्र, प्रकाश तिवारी, जगदीश चंद्र आदि मौजूद रहे।