= बिना सीसीटीवी व कांटे के धड़ल्ले से हो रहा खदान
= खुले में शौच कर नदी को प्रदूषित कर रहे श्रमिक
= डब्ल्यूआर में धड़ल्ले से उपखनिज निकासी का भी अंदेशा

(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

एक ओर प्रदेश के मुख्य सचिव ने नदियों में अवैध खनन पर सख्ती से अंकुश लगाने को आदेश जारी किए हैं बावजूद बेतालघाट ब्लॉक के बसगांव तथा सेठी क्षेत्र में धड़ल्ले से मुख्य सचिव के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बगैर सीसीटीवी व कांटे के उपखनिज निकाला जा रहा है। नियमानुसार श्रमिकों के लिए शौचालय की व्यवस्था भी नहीं की गई है जिससे कोसी नदी लगातार प्रदूषित हो रही है। ऐसे में संक्रामक बीमारी का खतरा बढ़ने का अंदेशा बढ़ता ही जा रहा है।
समतलीकरण के नाम पर किए जा रहे खदान में नियमों की बलि चल रही है। धड़ल्ले से श्रमिक कोसी नदी में खुले में शौच कर रहे हैं जबकि नियमानुसार श्रमिकों के लिए शौचालय बनाने का नियम है वही बिना सीसीटीवी व कांटे के धड़ल्ले से उप खनिज डंपरो में भर इधर-उधर भेजा जा रहा है। पत्थर, रेत, आरबीएम भी डंपरो में मानक से कई गुना अधिक भरा जा रहा है जिससे अधिक वजन लेकर दौड़ रहे डंपरो से मोटर मार्ग भी ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच चुका है। प्रदेश के मुख्य सचिव एसएस संधू ने अधिकारियों को खनन पर सख्ती से अंकुश लगाए जाने के निर्देश दिए हैं पर बसगांव तथा सेठी में नियमों के उलट किए जा रहे खदान से बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। क्षेत्रवासियों ने भी नियमानुसार खदान ना होने पर रोष जताया है।