= तीस से ज्यादा परिवारों के आगे पेयजल संकट, व्यापारी भी परेशान
= एसडीआरएफ व पटवारी चौकी में भी दिक्कत
= ग्रामीणों का चढ़ा पारा आंदोलन की चेतावनी
(((कुबेर जीना/अंकित सुयाल/मनीष कर्नाटक/महेंद्र कनवाल की रिपोर्ट)))
गर्मी शुरु होने के साथ ही पेयजल संकट भी गहरा गया है। बूंद बूंद पानी को हाहाकार मचा है। मजबूरी में लोग दूरदराज से सिर पर पानी ढोने को मजबूर है। पेयजल संकट बढ़ने से ग्रामीणों का पारा भी चढ़ने लगा है। चेतावनी दी है की जल्द पेयजल व्यवस्था में सुधार न किया गया तो जल संस्थान कार्यालय में धरना शुरु कर दिया जाऐगा।
आल्मोडा़ हल्द्वानी हाईवे पर स्थित छडा़ गांव तथा बाजार क्षेत्र में पिछले सप्ताह भर से भी अधिक समय से पेयजल संकट बना हुआ है। गांव के लोग बूंदबूंद पानी को तरस गए है जबकि अभी गर्मी की शुरुवात ही हो सकी है। क्षेत्र में स्थित एसडीआरएफ व पटवारी चौकी में भी पेयजल संकट बना हुआ है। एसडीआरएफ के जवानो को भी पीने के पानी को तरसना पड़ रहा है गांव के लोगों में पेयजल संकट को लेकर गहरा रोष व्याप्त है वहीं बाजार क्षेत्र के व्यापारी भी परेशान है पानी ना होने से व्यापार भी प्रभावित हो रहा है ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार व्यवस्था में सुधार की मांग उठाई जा चुकी है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही पानी ना मिलने के बावजूद भारी-भरकम बिल भेजे जा रहे हैं। तीस से ज्यादा परिवार परेशानी का सामना करने को मजबूर है। स्थानीय चंदन सिंह, पूरन सिंह, राजेंद्र सिंह, दीवान सिंह, सुरेश सिंह, नंदन सिंह बिष्ट, राजू बिष्ट, महेंद्र सिंह बिष्ट, नरेंद्र सिंह, संजय बिष्ट, बालम सिंह, गणेश बिष्ट, दीपा बिष्ट, सीमा बिष्ट, हेमा बिष्ट, रेखा देवी, खष्टी देवी आदि ने जल्द पेयजल व्यवस्था दुरुस्त न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
एक हजार रुपये खर्च करने के बाद मिल रहा पानी
सुयालबाडी़ समेत आसपास के क्षेत्रों में भी पेयजल संकट से सिर चढ़कर बोल रहा है। परेशानी में लोग एक हजार रुपये में पानी का टैंकर मंगा बमुश्किल पानी जुटा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार पेयजल व्यवस्था में सुधार की मांग उठाई जा चुकी है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। दिनोंदिन पेयजल संकट बढ़ता ही जा रहा है। स्थानीय कुबेर सिंह जीना, मदन मोहन सुयाल, मनीष कर्नाटक, अंकित सुयाल, भीम सिंह समेत तमाम क्षेत्रवासियों ने संबंधित विभाग पर क्षेत्र की उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाया है।