= विभागीय उपेक्षा व समय के मार से बदहाल है योजना
= योजना के ठप होने से खेत हो चुके बंजर

(((कुबेर जीना/अंकित सुयाल/मनीष कर्नाटक/हरीश चंद्र की रिपोर्ट)))

बेतालघाट ब्लॉक के डोबा गांव के सैकड़ों काश्तकारों के खेतों तक सिंचाई का पानी पहुंचाने को बनी वर्षों पुरानी हाइड्रम योजना को दुरुस्त करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। लोगों ने तत्काल योजना के पुनर्निर्माण की मांग उठाई है ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके।
गरमपानी क्षेत्र के समीप बहने वाली शिप्रा नदी पर वर्षों पूर्व डोबा गांव के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने को हाइड्रम योजना का निर्माण किया गया पर विभागीय अनदेखी व समय की मार से योजना बदहाल होती चली गई। योजना की सुध न लेने से महत्वाकांक्षी योजना बदहाल हालत में पहुंच चुकी है जिस कारण कई किसानों के खेत बंजर हालत में पहुंच चुके हैं। किसानों के अनुसार जब तक हाइड्रम योजना से सिंचाई का पानी खेतों तक पहुंचता था तब बेहतर उपज होती थी पर योजना के बदतर हालत में पहुंचने के बाद से खेत बंजर होते चले गए। काश्तकार दीपक बिष्ट, हरीश सिंह, मनोज बिष्ट, आनंद सिंह, खीम सिंह आदि लोगों ने हाइड्रम योजना के पुनर्निर्माण की मांग उठाई है ताकि गांव के किसानों को इसका लाभ मिल सके।