= विभाग ने ना सुनी तो मजबूरी में उठाया कदम
= छह किमी लंबी पेयजल योजना से लीकेज बंद करने का काम शुरु
= विभागीय उपेक्षा का जीता जागता उदाहरण

(((ब्यूरो चीफ विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/भीम बिष्ट/सुनील मेहरा की रिपोर्ट)))

विभागीय उपेक्षा से आहत ग्रामीणो ने आखिरकार खुद ही कमान संभाल ली। पेयजल संकट से परेशान गांव के वासिंदे पेयजल लाइन को दुरुस्त करने में जुट गए है। आरोप लगाया की कई बार पेयजल लाइन को दुरुस्त करने की मांग उठाई पर कोई सुनवाई नही हो सकी ऐसे में गांव के लोगो ने खुद ही पेयजल योजना से जगह जगह हो रही पानी की लीकेज रोकने का कार्य शुरु कर दिया है।
बेतालघाट ब्लॉक हल्सों, कोरण तथा थापली गांवो के करीब तीन सौ से ज्यादा परिवारों को दुधोली पेयजल योजना से पेयजल उपलब्ध कराया जाता है पर पिछले काफि समय से गांवो के लोगो को समुचित पानी की आपूर्ति नही हो पा रही है। लोग बूंद बूंद पानी को तरस रहे है। संबधित विभाग को सूचना देने के बावजूद कोघ सुनवाई नही हो सकी तो आखिरकार हल्सो गांव के वासिंदो ने खुद ही कदम आगे बढा़ने की ठान ली। रविवार को दस से ज्यादा लोग पेयजल लाइन की मरम्मत को रवाना हुए।बेतालघाट – भुजान मोटर मार्ग पर पेयजल लाइन से हो रही लीकेज को रोकने का कार्य शुरु कर दिया गया। स्थानीय शिवेन्द्र सिंह के अनचसार करीब छह किमी लंबी लाइन को दुरुस्त करने का कार्य किया जा रहा है। बताया की लंबे समय से गांव के लोगो को समुचित पेयजल उपलब्ध नही हो पा रहा था जिस कारण खुद ही गांव के लोगो को आगे आना पडा़। ग्रामीणों ने संबंधित विभाग पर भी उपेक्षा का आरोप लगाया है। पेयजल लाइन को दुरुस्त करने में संजय सिंह, कुबेर सिंह, शिवराज सिंह, विमल मेहरा, अभिषेक रवाल, दीपक जैडा़, वैभव पांडे आदि जुटे है।