= आए दिन मवेशियों को निवाला बना रहा गुलदार
= ग्रामीणों में भी दहशत खेतों में भी जाने से डर रही महिलाएं
= ग्रामीणों ने उठाई गांव में पिंजरा लगाने तथा पशुपालकों को मुआवजा देने की मांग
(((हरीश कुमार/हरीश चंद्र/पंकज भट्ट की रिपोर्ट)))
रामगढ़ ब्लाक के बिरखन गांव में मवेशीखोर गुलदार की धमक तेज हो गई है। आए दिन गुलदार पालतू मवेसियो को निवाला बना रहा है। मवेशियों के मारे जाने से पशुपालकों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। क्षेत्रवासियों ने गांव के समीप पिंजरा लगा गुलदार के आतंक से निजात दिलाए जाने की मांग उठाई है।
बिरखान गांव में मवेशीखोर गुलदार की घुसपैठ तेज होने से ग्रामीण दहशतजदा है। एक के बाद एक मवेशियों को निवाला बना रहे गुलदार की धमक आबादी की ओर भी बढ़ गई है। दिनदहाड़े ही गुलदार आबादी के समीप देखा जा रहा है। महिलाएं खेत में जाने से तक घबरा रही हैं। गुलदार ने गांव के सरपंच कुबेर सिंह की दो तथा गोपाल सिंह के एक गौवंशीय पशु को निवाला बना लिया है। गांव के कई बकरी पालकों की बकरियां भी गुलदार मार डाल रहा है।जिससे गांव में रोजगार का एकमात्र साधन पशु पालन पर संकट मंडरा गया है। पशुओं को निवाला बनाए जाने से पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है साथ ही अब पशुपालन से भी मोहभंग होने लगा है। गांव के लोगों ने प्रभावित पशुपालकों को मुआवजा देने तथा गांव के समीप पिंजरा लगा गुलदार के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि उपेक्षा की गई तो फिर सड़क पर उतर आंदोलन शुरू किया जाएगा।