= पुल के रैंप पर लगे सीमेंट के पटाल क्षतिग्रस्त
= स्कूली बच्चे, ग्रामीण व किसान करते हैं आवाजाही
= क्षेत्रवासियों ने उठाई लोहे की रैंप लगाए जाने की मांग

(((कुबेर सिंह जीना/अंकित सुयाल/मनीष कर्नाटक की रिपोर्ट)))

नैनीपुल क्षेत्र से तमाम गांवों की आवाजाही के लिए कोसी नदी पर बना पैदल पुल बदहाली का दंश झेल रहा है। ग्रामीण, काश्तकार व स्कूली बच्चे जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर हैं। पुल के रैंप में लगे सीमेंट के पटाल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं जिस कारण कभी भी बड़ा हादसा सामने आ सकता है। क्षेत्रवासियों ने पुल पर लोहे की रैंप लगाने के साथ ही पुल की मरम्मत की पुरजोर मांग उठाई है।

नैनीपुल क्षेत्र में कोसी नदी पर वर्षों पुराना पैदल पुल बदहाल होता जा रहा है। पुल से डटवाल गांव, पतलिया, सिद्धपुर, डोबा, सरना, रैंगल, समेत करीब एक दर्जन से अधिक गांवों के लोग आवाजाही कर हाईवे पर पहुंचते हैं। वहीं सिरसा, नैनीपुल, चोपड़ा,कूल आदि के नौनिहाल भी इसी पुल से रैंगल स्थित विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं। गांव के किसान भी उपज को इसी पुल के रास्ते हाईवे तक पहुंचाते हैं। जहां से बड़े वाहनों के जरिए उपज को बड़ी मंडियों तक भेजा जाता है पर पुल पर लगी सीमेंट की रैंप बदहाल हालत में पहुंच चुकी है। जिससे दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार पुल की मरम्मत तथा लोहे के सीमेंट के पटाल के बदले लोहे की रैंप लगाने की मांग उठाई जा चुकी है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। ग्रामीण जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर है। नैनीपुल व्यापार मंडल अध्यक्ष विपिन गुरुरानी, महामंत्री कुबेर सिंह जीना, उपाध्यक्ष बहादुर सिंह, धरम सिंह बिष्ट,रमेश बिष्ट,रमेश तिवारी,राजेंद्र सिंह,बालम सिंह,दीवान सिंह आदि व्यापारियों ने तत्काल पुल की मरम्मत तथा सीमेंट के पटाल के बदले लोहे की रैंप लगाए जाने की पुरजोर मांग उठाई है ताकि दुर्घटना से बचा जा सके तथा ग्रामीणों को आवाजाही में भी दिक्कतों का सामना न करना पड़े। चेतावनी दी है कि यदि मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया तो फिर ग्रामीणों को साथ लेकर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।