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किसानों का चढ़ा पारा, आंदोलन की दी चेतावनी
चापड़ हिडा़म बिल्लेख मोटर मार्ग का मामला

(((सुनील मेहरा की रिपोर्ट)))

गांवो को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए सड़क तो काटी जा रही है पर सड़क की जद में आने वाली कृषि भूमि का मुआवजा किसानों को नहीं मिल रहा। 11 वर्ष तक मुआवजे की राह देख रहे किसानों ने अब आंदोलन की चेतावनी दे दी है।
रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे से चापड़ बलियाली, हिडा़म, मसौली, लोधियाखान, बिल्लेख आदि तमाम गांवों को जोड़ने के लिए वर्ष 2010 में मोटर मार्ग का निर्माण किया गया। निर्माण के दौरान किसानों की काफी कृषि भूमि जद में आई। तब किसानों को जल्द मुआवजे का आश्वासन मिला पर 11 वर्ष बीतने के बावजूद आज तक किसानों को फूटी कौड़ी तक नहीं मिली है। जिससे ग्रामीणों का पारा चढ़ गया है। किसान विकास संघर्ष समिति ने अब मामले को लेकर आंदोलन का निर्णय लिया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कई बार विभागीय अधिकारियों व प्रशासन को मामले की जानकारी दी गई पर कोई सुनवाई नहीं हुई आखिरकार अब ग्रामीणों ने आंदोलन का मन बना लिया है। स्थानीय हेम चंद्र पांडे, भोपाल राम, गिरीश चंद्र, जय बल्लभ, कैलाश पांडे, नंदन राम, पूरन राम आदि लोगों ने मामले को किसानों की उपेक्षा करार दिया है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि जल्द मुआवजा नही बांटा गया तो आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा।